तुम्हारे इश्क से बनी हु में ....
पहले जिंदा थी अब जी रही हु में ..
मेरा वजूद बस तुमसे ही है ...
तुम्हारे बिना में कुछ नही ...
तुम इस कदर जरूरी हो मेरी जिंदगी में
जैसे रूह को जरूरत हो वजूद की ...
तुम आत्मा हो मेरी ...
और तुम ही परछाई मेरी. ...
मेरे वजूद का एक अटूट हिस्सा हो तुम ...
तुम ही धड़कन मेरी ....
और तुमसे ही चले सांसे मेरी ...
तुमसे ही ज़िन्दगी मेरी
और तुम्हारी ही बाहो में हो मौत मेरी
Dr.Divya