हालत-ए-दिल
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दर्द मेरी निगाहों में यारों न बड़ी हैरत से देखो
ज़ख़्म मेरे दिल के लोगों ज़रा शिद्दत से देखो
है घाव सीने पर आपके तीर-ए-नज़र का मारा
अजी मिज़ाज पूछो,एक बार मुहब्बत से देखो
उफ़ ये मेरे इस दर्द-ए-दिल का इलाज हो आप
तरस खा के मेरी जानिब जरा इनायत से देखो
जरा दिल-ए-अफ़सुर्दा की इस हालत को देखो
क़त्ल की ख़ातिर न यूं मुझको शरारत से देखो
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- सन्तोष दौनेरिया
(दिल-ए-अफ़सुर्दा - दुःखी दिल)
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