कभी कभी क्यों होता है ऐसा जिसका कोई लक्ष्य नहीं होता वो सब कुछ पा लेता है और अपने लक्ष्य का सपना देखने वाला थककर चूर होने के बाद भी बिस्तर बैचन पड़े रहता है?
किस्मत तो सब का दरवाजा खटखटाती है फिर सपना आंखों में ही क्यों कैद होकर रह जाता है?
मेरे मन में जवाब दिया-"क्योंकि लक्ष्य का पता जिसे नहीं होता वह जिंदगी के हर एक पल को किस्मत समझता है और सपना देखने वाला सही मौके की इंतजार मे ही रहता है।"
-R.J. Artan