मन की बेचैनी
तुमसे मिलने की मन में बहुत बेचैनी रहती है
हर पल मेरी आंखें तुम्हें देखने को तरसती है
कभी-कभी मेरी धड़कन तुम्हारा नाम पुकारती है
मेरे दोस्त तुम कब आओगे।
नींद में भी तुम्हारी याद मुझे जगा देती है
सपने में भी आकर मुझे रोज सताती है
तुम भूल ना जाना मुझको हमेशा याद दिलाती है
मेरे दोस्त तुम कब आओगे।
अभी कब तक तुम ऐसे कराओगे इंतजार
एक मुलाकात का ही तो तुमसे किया था इजहार
शायद तुम्हें पता नहीं हम कितने हैं बेकरार
मेरे दोस्त तुम कब आओगे ।
vp army ⚔️🇮🇳