कोई फ़र्क नहीं पड़ता अब
ख़्वाब पूरे हों या ना हों
मेरी कोशिशें गवाह हैं
मेरी नाकामयाबी की
सुकून है कि मैंने सफर तय तो किया
अपने ख्वाबों को मैंने हौसला तो दिया
मंज़िल ना सही
हर कदम नया अनुभव तो मिला है
इन्हीं के साथ
अब मैंने जीना सीख लिया है
@anitapathak1982
-अनुभूति अनिता पाठक