शानदार .कविता ..
# विषय .दृष्टि ,नजर ..
जग में जैसी जिसकी दृष्टि ,वैसी सृष्टि मिलती ।
प्यार की एक नजर ,सबके दिल लुट लेती ।।
स्नेह की दृष्टि ,सबके आँखों में प्रेम जगाती ।
धृणा की दृष्टि ,सबके दिल में नफरत पैदा करती ।।
वात्सल्य की नजर ,ममता दिल में पैदा करती ।
भक्ति की दृष्टि ,जीवन सफल बना देती ।।
बुरी नजर ,इज्जत को तार तार कर देती ।
हैवानियत की नजर ,स्त्री को चौधार आंसू रुलाती ।।
किसी को एक नजर में ,आँखो का तारा बनाती ।
किसी को एक नजर में ,धूलधूसरीत कर देती ।।
किसी को एक नजर में ,दिल से गिरा देती ।
किसी को एक नजर में ,दिल के सुकून दे देती ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।