रंजिशों में कुछ नहीं रखा कहते हैं ये लोग;
किसी से की रंजिशें हमारे बहुत काम आई;
रंजिशें की भी तो अपने ही उन यारों से,
जीसकी हमसे कमजोर थी पढाई लिखाई;
हम बने इंजीनियर, कर ली सरकारी जोब;
लेखक बनकर उन्होंने पाली थी प्रसिद्धि;
ठान लिया हमनें भी, उठाया काग़ज़ दवात;
कुछ लिखने हेतु, हमनें भी कलम ली उठाई;
साथी इंजीनियर ने किया हमें प्रोत्साहित;
कहा कईयों से अच्छी है, तुम्हारी लिखाई;
लिखा हाल ए दिल, लिखा जीवन अनुभव;
लिखीं हिंसा #अहिंसा , लिखीं जीवन कठिनाइ;
किसीने की पसंद कविता कसीने की शायरी;
कीसीने की टीका तो, कीसीने की वाहवाही;
पसंद आये अगर आपको मेरी ये कविता तो,
बे रोक टोक आप मुझे दे देना ढेर सारी बधाई;
#अहिंसा