में कुछ इसतरहा लिख लेता हूं कि
दिल धड़कता है , मन करता है।
ये हाथ चलता ओर कहानी बन ही जाती है।
पर ये गलत है,पर ये गलत है।
सच तो ये है कि
में चाय के साथ तेरी याद लेके बेठ ता हु।
ओर ये कलम चलने लगती है।
तेरा एक ज़िक्र पर जो ये मुस्कुराहट आती है मेरे चेहरे पे,
वही मुस्कुराहट मेरी ये खाकी पन्नो पर उत्तर जाती है और एक नए कहानी बन जाती है।
तो इस बार कुच यू लिखा है की
अभी तक तो बस तेरे मैसेज ही पढ़े है तेरी आँखों की वो बाते पढ़ ना तो आभी बाकी है।
अभी तो बस तुजे ख्वाबो में देखा है, तुजे जी भर देखना तो अभी बाकी है।