#गुप्त

क्षीण शरीर हो जाता है,
मृत्यु समिप जब आता है
वो लहराते केषों में, मेघों का,
अक्श नज़र नहीं आता है

वो लाल कपोल की मुस्काने,
हो जाती हैं लुप्त कहीं
वो चंचल चित्त की चंचलता,
हो जाती हैं, अक्सर #गुप्त कहीं...l

Hindi Blog by SMChauhan : 111565074

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