तुमको ख़ुश देखकर, मैं बहुत ख़ुश हुआ
ये आँख भर आई, तो फिर क्या हुआ
कौन सी शाख़ पर, कौन सा गुल खिले
यारों ये तो नसीबों के हैं फ़ैसले
किसलिए फिर करे, कोई शिकवा गिला
तुमने क्या कह दिया, हमने क्या सुन लिया
उलझनें मिट गईं, आ गया चैन सा
दर्द को मिल गई, जैसे कोई दवा
सारी दुनिया से ये ज़िन्दगी है बड़ी
ज़िन्दगी से मगर दोस्ती है बड़ी
दोस्तों दोस्ती के लिए शुक्रिया
तुमको ख़ुश देखकर...✍️☕