उम्मीद की रौशनी मे, घुंगरू हुआ मन.
जुगनू की टीम टीम से, चमकता है वन.
उदासी की नींदों मे, सूरज की किरण.
जंगल के रास्ते हैं, डरता है मन......
धरती पर फूल गिरा, ईश्वर का इशारा.
दूर कहीं ढ़ोल बजा, नाचे बंजारा.
पगडण्डी मिल गई, ऑंखें हुई नम.
अब मन पायल है, नाचे है तन.
आज मन बज रहा,
गांव कोइ सज रहा.
एक कुँए के पास,
हर कोइ रुक रहा.
मन प्यासा था...
सांसे मध्यम,
सूखा मन
भींग गया,
शीतल हुए हम.