कारगिल विजय दिवस
एक शहीद भारत माँ से,
भारत माँ मुझे माफ़ कर..
तेरे लिए में और ना लड़ पाया..।
लौट दे ये खुदा मुजे मेरी जान तो,
तेरी मिट्टी पे किसी गैर का पैर भी न रखने दु..
मैने तो तुझमे विलीन होकर ..
अपनी ज़िन्दागी सवारी है..
बस एक ही इच्छा है मेरी
मेरी माँ, पत्नी मेरी शहादत पे ना रोए..
मेरा शब जब उनके सामने हो तब
उनकी आँखों मे गर्व हो जुब्बा पे जय हिंद..
तिरंगे के तीन रंगों पे चौथा रंग मेरे रक्त का भी हो..
ये हिंदुस्तान मुझे याद रखे न रखे
मेरी शहादत को न भूले..
ये हिंदुस्तान के वीर जवानों,
मेरी ओर मेरे साथियो की शहादत को व्यर्थ न होने देना..
आये दिन फिर से 1999 जैसा तो
भारत माँ के लिए कुर्बान होने से पीछे मत हटना..
जय हिन्द
-Urmi chauhan