#Fanatical may always critical...!!!!
My Wine-Power Poem...!!!
यारों आज हमने पिया हो थोड़ा
लगता है कि आज ज़िया थोड़ा
ख़्वाबों में ही बसे रहे आज़ तक
हक़ीक़तका आग़ाज़ हुआ थोड़ा
बंध आँख भागते रहे आज तक
खुली ऑंख का चखा मज़ा थोड़ा
टंगी थी यह जीदगीं ख़्वाहिशों की
ख़िज़ाँ पे,मौजूद जिस्म हुआ थोड़ा
ज़हन गिरफ़्तोंका शिकार था,दिल
पुर-सुकून-सा पी कर हुआ थोड़ा
पीने को तो हम पी आए उम्मीदोंका
सागर,हाँ बूँद नूरकी सुकुँ दी थोड़ा
जिस्मों से तो हम ला-महदूद पीए
आज जी-भर के रुँह से पीए थोड़ा
पी पी कर बरबाद हूएँ साक़ी कितने
ख़ामोश-बोतल में गरक़ हूएँ कितने
प्रभु-इश्क़की बूँद में सुकूँ मिला थोड़ा
✍️🥀🌹🍂🌷🙏🌷🍂🌹🥀✍️