# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .मिट्टी की "
# विधा .कविता ***
कसम है भारत की मिट्टी की ,
तुम पर आंच न आने दूँगा ।
तुम्हारे लिए मर मिटुंगा ,
पर तेरे आँचल की लाज रखूंगा ।।
जो बुरी नजर से देखेगा ,
उसकी आँख फोड़ डालूंगा ।
तू तो जान है मेरी ,
तेरे लिए मैं दुश्मन से लड़ लूँगा ।।
जब तक जा में जान है ,
हर पल तेरी रक्षा करुंगा ।
तेरी मिट्टी में जन्मा हूँ ,
तेरी मिट्टी में ही मर जाऊँगा ।।
वतन तेरा नाम में ,
मेरे हर खुन की बुँद से लिखूंगा ।
तेरे झंडे को मरते दम तक ,
निचे न झुकने दूँगा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।