# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .आतुर "
# कविता ***
ये नजरें झुकी झुकी ,सी क्यूँ है ।
ये सांसे रुकी रुकी ,सी क्यूँ है ।।
ये दिल तुम्हें ,पाने आतुर क्यूँ है ।
ये दिल इतना ,मचलता क्यूँ है ।।
ये बहारे इतनी ,महकती क्यूँ है ।
ये आँखें इतनी ,आतुर क्यूँ है ।।
ये धड़ीयाँ गुजरती ,क्यूँ है ।
ये दोस्त दिल ,चुराते क्यूँ है ।।
ये मिलन की धडीयाँ ,इतना तड़पाती क्यूँ है ।
ये दिल अपनों ,के लिए आंसू बहाता क्यूँ है ।।
ये उम्र तू ढ़लती ,क्यूँ है ।
ये अपने छोड़ कर ,जाते क्यूँ है ।।
दिल ने कहा अरे यार ,यह तो समय का फेर है ।
एक आता है तो ,दुसरा अलविदा होता है ।।