#Thankful Each Humran Being today after Discharge from Corona Treatment...!!!
My wonderful Poem..!!!
हर दिल के मन्दिर में प्रभु की मुर्त ज़िन्दा
तस्वीर समझ आज सब ने सजा रखी है
दिखावा जो भक्ति का किया करते थे
कभी आज खुद पर नज़र जमा रखी है
मिला न पाओगे कभी हाथ हाथ 🤚 से
सोचा न था आज हाथ-छुट्टी मना रखीं है
क्या दौर-ए-ज़माना आ गया है देखोगे
ग़र किसी अजनबी को नाक चढ़ा रखीं है
क़ुदरत की रचीं एक नन्हें-से सुक्षम-से
वाइरस नाम जंतुने दुनिया हिला रखीं हैं
चाह गर हो तो भी हाथों को मिलाने पर
जहाँ के हर मुल्क ने पाबंदी लगा रखी हैं
कैसा अजीब-सा चलन चल पड़ा आज
जिस्मों से जिस्मों कीं दूरी बना रखी है
छूआछूत से ख़ौफ़ज़दा हर इन्सान आज
सेनेटाईजर-मास्कके भरोसे जान रखी है
कफ़न-दफ़्न तक भी नसीबोंसे बहुत दूर
आज लाशें तक भी बदहाली पा रखी है
प्रभुजी अब तो तूँ ही मसीहा जीवन नैया
आज मँझधार भँवर में झोलें खा रखी है
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