#शुक्रगुज़ार
जो कष्टों के बाद प्राप्त हुआ,
उसके लिए वह तक पहुंचने के इस सफर में न जाने कितने लोगों ने क्या कुछ नहीं सिखाया।
कभी गिरा, कभी उठा, कभी बौखलाया,कभी रोया, कभी चिल्लाया, कभी हँसी का पात्र बना, कभी ठूकराया गया।
इस सब ने मुझे काबिल बनाया,
जिसने मुझे शुक्रगुज़ार बनाया।
मुझे अपनी मंजिल तक पहुंचाया।
By
Trishala