नूरानी चेहरा,रेशमी बाल , नशीली आंखें,
इन सब से सजा ये तुम्हारा काबिल हुस्न,
मुझे याद दिलाता है उस फिज़ा की
जिसमें होती है बारिश और छाए घने बादल
पूरी करते हैं वो ख्वाहिशें,
जिन्हे बंजर सी पड़ी वो जमीं
अर्सों से समेटे रहती है।
ठीक उसी फिज़ा की तरह तुम भी अायी,
मेरे बंजर सी पड़ी जिंदगी में ,
मेरी भी कई ख्वाहिशें हैं जिन्हें
तुम पूरा करोगी उन्हीं बादलों की तरह।
अब आरज़ू सी है दिल में कि,
तुम भी करो मेरी जिंदगी में
वैसी ही प्यार भरी बातों कि
बारिश और हो जाए वो ख्वाहिशें
भी पूरी जो अकेलेपन से
हारकर किसी किसी कोने में
अर्शों से दब के रह सी गईं थीं।
..रॉयल..