एक स्त्री और पुरुष की सच्ची मित्रता किसी शक की मोहताज नहीं होती ॥अपनी सोच को बदलिए ॥ प्यार किया पिता से वो अच्छी बेटी कहलाई किया प्यार भाई से तो प्यारी बहना कहलाई , किया पति से प्यार तो वो पतिव्रता कहलाई सेवा की जब सास की वो संस्कारी बहूँ कहलाई ममत्व जताया बेटों पर तो ममता मुरत कहलाई एक दोस्त बनाया सच्चे | दिल से तो क्यूँ वो चरित्रहीन कहलाई