मिजाज-ए-आदत
वास्ता रखो !!
भरोसा रखो !!
वफा करो !!
किसी के भी साथ नज़दीकीया रखो !!
उस शख्स का नाम हर वक़्त अपनी जुबान पर रखो !!
उसको अपने दिल के अहेम-से-अहेम कोने में बसा के रखो !!
लेकिन ....
किसी की आदत अपनी जिंदगी में ज्यादा मत दालो।।
क्यों की ....
जब वो शख्स आप की जिंदगी से दूर होता है;
तो दिल में जख्म भी बहुत गहरा कर जाता है ।।
और ....
यह "मिजाज-ए-आदत" वो जख्म है ;
जो आप के दिल में लगाए हुए मरहम के जख्म को हर वक़्त हरा कर देता है।
Alfaz-E-Suhana ✍️✍️