ख़्वाबों का रंगीन होना गुनाह हैं,
इंसान को बुद्धिमान होना गुनाह हैं...
कायरता समझते हैं लोग मधुरता को,
जुबान का शालीन होना गुनाह हैं...
खुद की ही लग जाती हैं नज़र,
हसरतों का हसीन होना गुनाह हैं...
लोग इस्तेमाल करते हैं नमक की तरह,
आसुंओं का नमकीन होना गुनाह हैं...
दुश्मनी हो जाती हैं मुफ़्त में सैकड़ों से,
इंसान का बेहतरीन होना गुनाह हैं...