उलझनें हैं बहोत सुलझा लिया करता हूँ
फोटो खिचवाते वक़्त मैं अक्सर मुस्कुरा लिया करता हूँ...
क्यों नुमाइश करूँ मैं अपने दिल के दर्द की
मैं अक्सर मुस्कुरा के इन्हें नजर अंदाज कर देता हूँ...
क्योंकि जब लड़ना हैं खुद को खुद ही से
इसलिए हार और जीत में कोई फ़र्क नहीं रखता हूँ...
हारू या जीतूं कोई रंज नहीं हैं
कभी खुद को जीता देता हूँ,
कभी खुद ही जीत जाता हूँ
इसलिए मुस्कुरा लिया करता हूँ...