बात बात पर ठहाके लगा देते हो
तुम गम के सताये हुये लगते हो
यहाँ कौन किसे याद करता है
मगर तुम खुद ही खुद के भुलाये हुये लगते हो
बाहर से इतना जो बोले जा रहे हो
अंदर कोई खामोश तूफ़ान छुपाये हुये लगते हो
दुनियां जीत लेने का दावा करने वाले
तुम किसी अपने के हराये हुये लगते हो
भूल कर आगे बढ़ने की सलाह देने वाले
तुम तो किसी के यादों के सताये हुये लगते हो
खिले गुलाब के शौक़ रखने वाले
मुझे तो तुम अंदर से मुरझाये हुये लगते हो...
lamho_ki_guzarishey
Trisha R S... ✍️