समय रुक गया है ऐसा लगता है
मगर ऐसा है नहीं वो तो चलता ही है
बस हलका सा धक्का लगा है हमारे
सोए हुए दिमाग को छुने का....
छू सकते है तो छू लो
शायद खोए हुए रिश्तों को तुम्हारी
अहमियत पता चले...
शायद एक नई पहचान बन जाए...
शायद एक नई दिशा मिले जाए...
शायद एक नई शुरुआत हो जाए...
शायद एक नई ताजगी मिल जाए...