आज की प्रतियोगिता
# विषय .बसंत ..
विधा .कविता ।
आया बसंत ,आया बसंत ।
वन ,उपवन में ,छाया बसंत ।।
देखो आमो की डाली ,कैसी खिली है मन हरने वाली ।
गेदा और चमेली ,झुल रही है डाली डाली ।।
देखों बगीचों की हरियाली ,कैसी है मन हरने वाली ।
आम के डाल पर कोयल बैठी ।।
पंचम स्वर में कुहूंक करें मतवाली ।
नदियों का जल निर्मल ,सुदंर नैनों को भाने वाला ।।
गुलाब की शोभा निराली ,खुशबु मन को हरने वाली ।
मंद सुगंधित समीर बहे ,सबके मन को भाने वाला ।।
धरती धानी साडी पहने ,नव यौवना सी लागे प्यारी ।
बसंत की हरियाली ,सबके दिल करे मतवाली ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,अमदाबाद ,गुजरात ।