#हिंदी_अवधि_कविता
#त्राहिमाम_कर_गया_कोरोना
त्राहिमाम कर गया कोरोना ।
चप्पा चप्पा कोना कोना ।।
संकट पड़ा भई है पीरा ।
दन दन भागे हनुमत वीरा ।।
कलयुग में अब कौन बचाए।
हनुमान हैं मास्क लगाए ।।
कोरोना अब डटा खड़ा है ।
त्रिनेत्री भी छुपा पड़ा है ।
शिवभोले को भंग चढ़ी है ।
भक्तों पर विपत्ति बढ़ी है ।।
क्या है साहूकार अधीरा ।
डरे अमीरा डरे फ़कीरा ।।
मन्दिर मस्ज़िद ताले पड़ गए ।
भगवानों के लाले पड़ गए ।।
कान कोरोना सबके ऐंठे ।
अंधभक्त घर दुबके बैठे ।।
हॉस्पीटल मा भीड़ बड़ी है ।
कोरोना की मार पड़ी है ।।
जाति धर्म सब छोड़ के पकड़ा ।
कोरोना ने सबको जकड़ा ।।
देवी देवता अब ना अइहैं ।
घर मा दुबके बइठे रइहैं ।।
अल्लाताला राम रमाई ।
कहौ कौन अब जान बचाई ।।
ग्रंथ गढ़े विज्ञान भी पढ़ लो ।
लुई पास्टर को भी पढ़ लो ।।
मिनट मिनट पर रखौ सफाई ।
प्रोटेक्शन है एक उपाई ।।
वायरस की है एक दवाई ।
रोगी अपनी दवा बनाई ।।
एडवर्ड जेनर करौ उपाय ।
कोरोना से जान छुड़ाय ।।
हिम्मत रखो डरो ना भाई ।
बचा रही जो रखी सफाई ।।
-पन्ना के स्वतंत्र विचार