शुभ संध्या वंदन बुधवार संध्या काल का सुविचार सत्य वचन ब्रह्मदत्त त्यागी
आज संध्याकाल बुधवार संध्या वंदन का
सुविचार सत्य वचन ब्रह्मदत्त
घर से जब भी बाहर जाये
तो घर में विराजमान अपने प्रभु से जरूर
मिलकर जाएं
और
जब लौट कर आए तो उनसे जरूर मिले
क्योंकि
उनको भी आपके घर लौटने का इंतजार रहता है।
"घर" में यह नियम बनाइए की जब भी आप घर
से बाहर निकले तो घर में मंदिर के पास दो घड़ी
खड़े रह कर "प्रभु चलिए..आपको साथ में रहना
हैं". ! ऐसा बोल कर ही निकले।
""साथ चलो प्रभु आप हमारे।
भक्तों के सभी काम संवारे""
क्यूंकि आप भले
ही "लाखों की घड़ी" हाथ में क्यूँ ना पहने हो पर
"समय" तो "प्रभु के ही हाथ" में हैं न।
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़