#साथी
सिर्फ एक दिन से क्या होगा
हर एक दिन हमारा है
उसके बिना अधूरी मैं
मेरे बिना वो अधूरा है
क्यों हावी होने दूँ उसको
करूँ मैं खुद को हावी क्यों
एक दूजे के पूरक हम
बस पूरकता में जीना है।
भेद सृष्टि का तुम समझो
नर नारी की भिन्नता को मानो
एक दूजे को अपनाकर
सम्पूर्णता में जीवन बहने दो।
तू और मैं की तकरार से
हुआ न भला किसी का है
तुम में मैं हूँ मुझमे तुम हो
हम में जीवन सुखमय है।
विनय....दिल से बस यूँ ही