[सूर्य देव आरती आराधना] ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़:
शुभ संध्या काल वंदन रविवार इतवार और सन्डे सूर्य देव आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है यह है आज संध्या की आरती
सूर्यदेव आरती,
जय कश्यप-नन्दन -
हिन्दी आरती
॥ आरती श्री सूर्य जी ॥
जय कश्यप-नन्दन,
ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,
भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,
एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी,
मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,
विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,
दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल - सुकर्म - प्रसविता,
सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,
भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,
नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत
अति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,
भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,
परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,
अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,
तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
ब्रह्मदत त्यागी हापुड़
[सूर्य देव मंत्र]
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़:
सूर्य के लिए मंत्र...
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ का एवं सभी भक्तों का सूर्य देव को प्रसन्न करने हेतु बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है
भारतवर्ष में सभी धर्मों के लोग अपने अपने धर्म के अनुसार कोई न कोई प्रार्थना अथवा मंत्र जाप अवश्य करते हैं. हिन्दु
धर्म में मंत्र जाप की कोई गिनती ही नहीं है. मंत्र जाप की कड़ी में आज हम आपको सूर्य से संबंधित मंत्र बताएंगे. सूर्य के
किसी भी मंत्र का जाप व्यक्ति को अपनी सुविधानुसार करना चाहिए. सूर्य यश का कारक होता है. मान सम्मान में वृद्धि
कराता है. अगर कुंडली में सूर्य शुभ होकर कमजोर है तब इसके किसी भी एक मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र जाप की
संख्या 7,000 होनी चाहिए. शुक्ल पक्ष के रविवार से मंत्र जाप आरंभ करने चाहिए. अपनी सुविधानुसार व्यक्ति अपने इन
जापों को निर्धारित समय में पूरा कर सकता है.
सूर्य वैदिक मंत्र
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्ययेन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
सूर्य के लिए तांत्रोक्त मंत्र
ऊँ घृणिः सूर्यादित्योम
ॐ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
सूर्य नाम मंत्र
ऊँ घृणि सूर्याय नमः
सूर्य का पौराणिक मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम ।।
सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात
ब्रह्मदत त्यागी हापुड़