Hindi Quote in Thought by VIRENDER VEER MEHTA

Thought quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

#स्वामी_दयानंद_सरस्वती

विचारधारा कोई भी हो उसके पक्ष विपक्ष की संभावनाएँ हमेशा ही बनी रहती हैं, ऐसे में यदि विचारधारा धर्म की मूल भावना पर निर्भर हो तो उस पर होने वाले मंथन सदियों तक चलते रहते हैं। ऐसी ही एक विचारधारा रही है आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती जी की।
आर्य समाज की पहचान के रूप में सहज ही स्वामी दयानन्द सरस्वती जी पूज्यनीय रहे हैं। स्वामी दयानंद एक देशभक्त ही नहीं एक मार्गदर्शक भी रहे, जिन्होंने अपने कार्यो से समाज को नयी दिशा एवं उर्जा देने का सदा ही प्रयास किया। इनका जन्म 12 फरवरी 1824 (फाल्गुन की दसवीं तिथि, संवत 1881 यानि आज के दिन ) को हुआ। दो वर्ष की आयु में शुद्ध गायत्री मंत्र बोलने वाले दयानन्द जी ने जाति से एक ब्राह्मण होने के बावजूद मूर्ति पूजा को निरर्थक बताया और 'निराकार ओमकार' विचारधारा के अनुरूप वैदिक धर्म को बढ़ावा दिया। स्वामी दयानंद जी ने शब्द ब्राह्मण को भी एक अलग ढंग से परिभाषित किया। इनके अनुसार ब्राह्मण वही होता हैं जो ज्ञान का उपासक हो और अज्ञानी को ज्ञान देने वाला ही सच्चा ज्ञानी हो सकता है। 1857 की क्रांति में भाग लेने वाले स्वामी दयानंद जी ने, वर्ष 1875 में आर्य समाज की स्थापना की। अपनी विचारधारा के चलते उन्होंने कई लोगों को अपना शत्रु भी बना लिया था, जिसके चलते 1883 में उनके खिलाफ किए गए एक षड्यंत्र में 30 अक्टूबर को जहर दिए जाने से उनकी मृत्यु हो गई।
सादर नमन सहित 💐💐

/ वीर /

Hindi Thought by VIRENDER  VEER  MEHTA : 111343873
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now