*नूतन वर्ष की स्नेह पूर्ण बधाई सहित*
प्रभा किरण उद्विप्त हो
दिवाकर भाग्य संवारे
मन कुंठा मुक्त हो
सब काज बने, तुम्हारे
नित्य व्यक्तित्व उत्कृष्ट हो
निरंतर स्वयं जो, सुधारे
आत्म - शक्ति अर्जित हो
क्यों कोई, हाथ पसारे
एकल सामर्थ्य ना विवश हो
रही सही छोड़ दे, उसके सहारे।