आपको तो बेवफा होने की आदत सी हो गई है।
हमको तो गम में रहने की आदत सी हो गई है।
क्यों ऐसा भी कर लेते हो आप, पता नही हमको।
फिरभी महोब्बत भी कर लेते है हम, पता है हमको।
मेरे खातिर,एक बार अपने भीतर की आवाज़ सुन भी लो।
कसमसे, उस आवाज़ में सुर हमारे नाम का होगा ये जान भी लो