दोस्ती चाहे दूर कि हो या नजदीक की
दोस्ती...दोस्ती ही होती है
दोस्त कहीं भी रहे दोस्ती जीवंत रहेती
अपने मन में
उसे याद करो आधी परेशानियां दूर हो
जाती है
दोस्त से बात करो खुश हो के ही वापस
आते है
एसी होती है दोस्ती की रूह, जो पास हो या दूर हमेशा सुकून देती है....