किसी का नाम अब किसी ना रहे के मेरा अपना हो गया है.....
जैसे इतने सालो के बाद अब वो किताब सा बन गया है....
ना पढू तो चैन नहीं पड़ता और पढू तो
लिखे बिना ना रह पाती....
तेरे साथ मेरा इतिहास बन के वर्तमान में उसे जी रही हूं.....
और आगे भविष्य को सजा ने के लिए संवार रही हूं इन पन्नों में....