क्या कहे क्या सितम कर गई निगाहें
आपकी आंखो को आप जरा देखिए
क्या खूब है सलीका - ए - गुफ्तगू आपका
आपका लहज़ा भी आप जरा देखिए
इश्क़ कैसे ना हो जाए किसीको आपसे
आपकी नादानीयत तो आप जरा देखिए
हम करते रहते है बाते सिर्फ आपकी
हमसे बात करके आप जरा देखिए
इबादत करते है लोग खुदा से जुककर
आपका दर्जा दिल में हमारे आप जरा देखिए
- " उपेन "