My New Poem ...!!!
जरूरी नहीं हर उपहार
कोई वस्तु ही हो..!!
प्यार, परवाह, और
सम्मान भी उपहार हैं..!!
कभी देकर तो देखिए
किसी वृद्धाश्रम जा कर..!!
किसी अन्धआश्रम जा कर..!!
अनगिनत अपाहिज भी तरसते
प्रेम-वात्सल्य को अनाथालय में.!!
जीदगीं तो जीदगीं है चलती रहती
कुछ तो कर जाए जाने से पेहले..!!