वो काली रात फिर याद है आ रही ।
जो सोती न्याय व्यवस्था को जगा गई ।
सात वर्ष पहले का मंज़र नज़रों के समक्ष वो ला रही ।
जब एक बेटी की रक्त रंजित देह पूरे देश को हिला गई ।
सवाल महिला सुरक्षा पर वो उठा रही ।
कि सुरक्षा के नाम पर भी हम सब ठगा रही ।
क्यों निर्भया के दरिंदो को व्यवस्था फाँसी नहीं चढ़ा रही ।
सात साल से जनता गुहार यही है लगा रही ।
सृष्टि तिवाड़ी
‘Shaan’