चाय के बीज से दाने का सफ़र ..!!
गड्डा कर बीज बोईं जाती
पी के पानी फलित हो पाती
🌱 अँकुर से पौधे तक आती
वक़्त की थपेड़े खा के पलती
जवान होते ही तोड़ ली जाती
इकट्ठा सर की टोकरी में की जाती
चौ-पाहें में हो के सवार फ़ैक्ट्री आती
मशीनीं पुर्ज़े में कर्स कर पीसी जाती
परवलय में दानों में तब्दील की जाती
बोईंलर में १२०’c पे पकाई फिर जाती
जला जला कर हरे से काली की जाती
अलग अलग किश्तों में साईजींग की जाती
पका के चख के लेब में आज़माई जाती
नाप तौल मिज़ान की कसौटी पार कर
रगड़ रगड़ फिर दस्तानों में पेक की जाती
तब कहीं डिलरोकी दहलीज़ पार कर के
भिन्न होटलों तक इसे पहुँचाईं फिर जाती
इस पर भी न रुक फिर पक कर हमें मिलती
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