एक धुंधली सी तेरी याद है...
तेरी पनाह में कितनी बेखबर थी....
बस इतना ही पता था कि तु मेरे साथ है
ना कोई डर,ना कोई फिक्र....
बस पूरा दिन चहेकना,उछालना,हसना
और फिर तेरे पास आकर सो जाना...
"मां" मुझे क्या पता था कि ये दिन भी...
एक दिन याद बनके रह जाएगा....