देखा तुमको जब प्रथम बार,
चांदनी में चमकता रूप तेरा।
फिर जब देखूं मैं तेरा ख्वाब,
जोरों से धड़कता दिल मेरा।।
वो नैन तेरे वो अक्स तेरा,
वो गालों का गोरा रंग तेरा।
वो बालों के काले बादल से,
हर बार भीगता दिल मेरा।।
वो तेरा इठला कर चलना,
केशों का इधर-उधर उड़ना।
वो आगे जाकर फिर मुड़ना।
हर बार देखता दिल मेरा।।
नजरों का तेरी खोज करना,
फिर सम्मुख आ जाना तेरा।
वो प्यार नहीं, फिर क्या था,
हर बार पूछता दिल मेरा ।।
फिर बातों का चला दौर,
घंटों फोन पर बातों का।
तेरी मीठी-मीठी बातों पर,
हर बार फिसलता दिल मेरा।।
कभी यहां कभी वहां की,
रात-रात भर बातें करना।
बारी जब आती रखने की,
हर बार तड़पता दिल मेरा।।
हर दिन तुमसे शुरू हुआ ,
हर शाम तुझी में था ढलता।
हर रात तुम्हारी बातें करना,
न कभी भूलता दिल मेरा।।
वो तेरा मुझसे रूठ जाना,
फिर मेरा तुम्हें मना लेना ।
तुमसे तो दूरी मुश्किल है ,
था बात जनता दिल मेरा।।
फिर........ ?
मैं हांथों से तेरे छूट गया,
जैसे अंदर कुछ टूट गया।
कोई क्या अब उसको जोड़ेगा,
जब चूर हुआ वो दिल मेरा।।
वो तेरा मुझे छोड़ जाना,
लौट कभी न फिर आना।
क्या बात हुई न बतलाना,
वह बात पूछता दिल मेरा ।।
हर रात बिता है तन्हाई में
हर दिन तुमको याद किया
न जाने मुझे मिलो किस मोड़
हर मोड़ बिछा है दिल मेरा
सुना! तुमने घर बसा लिया
हांथ पकड़कर औरों का
कैसे विश्वास करुं गैरों का
जब तुमसे टूटा दिल मेरा
प्यार नहीं था कह देती
खुद को लेता मैं समझा
था तुम्हारे लिए बस खेल
पर गेंद नहीं था दिल मेरा
अब नजरें नीचे रहती हैं
न चाहें देखना रूप तेरा
उनसे बहती इन अश्कों से
अब भीग चुका है दिल मेरा
अब मैं अतीत में हूँ जीता
तेरीनटखट उन बातों का
कोई क्या फिर उसको तोड़ेगा
जब टूट गया है दिल मेरा
जब भी आती तेरी याद
शब्दों मे उसे पिरोता हूं
कविता भी बन जाती है
थोड़ा सा रो भी लेता हूं
अmit की कलम?️ से
?️अतीत के पन्नों पर ?️
कोई त्रुटि हो तो कृपया मार्गदर्शन करें
?धन्यावाद?
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