वो दर्द छुपाते रहे,
मुझसे सच छुपाते रहे,
ना जाने क्यों हमेशा चेहरे पर मुस्कान दिखाते रहे,
पता तो जब चला मुझे,
जब फूल सा चेहरा कांटों में बदल गया,
सहते सहते,
फिर पता चला,
वो अपने अश्रु से उसको सिचते रहे,
हमारे बियोग में,
दिखाते नहीं थे,
सोचा इससे उनके प्यार की तौहीन होगी।
©krishnakatyayan