ऐ बादल तू अब जमके बरस |
ऐ बादल तू अब जमके बरस |
खेतो मे है सूखे पड़े हुए l
महीनों से है ये बंजर बने हुए |
सर पर हाथ धरे किशान अब बैठे हुए |
लाचारी से आधे प्राण त्यजे हुए |
न कर अब तू भी सितम
ये है पहले से सताये हुए |
बिन तेरे अब जिये किस के सहारे |
तू ही बतलादे अब जाये तो जाये कहा ये |
बच्चे घर मे भूखे बैठे हुए |
तन पर कपडे आधे ढके हुए |
भूख उनकी भी रोटी को तरसे |
आंखे उनकी भी बादल सी बरसे |
ये बेबसी के नज़ारे , ये बेबसी के नज़ारे |
जरा देख भी ले इस ओर ये सब है तुम्हारे |
ऐ बादल जरा जमके बरस |
ऐ बादल जरा जमके बरस |