हा उसको प्यार था मुझसे ऐसा सोचा करते थे हम , काभी गलतफहमियों में जी रहे थे हम । एक बेहतर कल की तलाश में अपना आज खराब किए जा रहे थे हम । कोई और था जो हमसे भड़ कर हमको चाहता था कहीं , किसी नादान के चक्कर में कभी देख ही नहीं पाए उसकी एहमियत को । पर आज भी उसको इंतज़ार है हमारा पर आज भी हम अपने बुने हुए जाल में फंसे हुए है हम ।