मुसिबत में शरीफों की शराफत कभी कम नही होती । सोने के कीतने भी तुकड़े कर दो उस की किमत कभी भी कम नहीं होगी । प्यार करते हो मुजस्से तो इज्हार कर दो अपनी मोहब्बत का ज़िक्र आज सरे आम कर दो । नहिं करते अगर सचि मोहब्बत तो इनकार कर दो । लो मेरा नादान दिल तुकड़े हजार कर दो ।