# काव्योत्सव : २ : प्यार
# Kavyotsav : 2 : Love
: : पता नहीं : :
लोग बार बार मरते है प्यार में ,
पता नहीं !!!
फिर क्यूँ फिसल जाते है प्यार में ???
कहते थे बहुत प्यार करते है हम किसी से ,
मगर पता नहीं है उस को !!!
प्यार की गहराई कितनी होनी चाहिए यार में ???
प्यार , इश्क़ बहोत रटते है कुछ लोग ,
पता नहीं होगा उस को !!!
सच्चा प्यार करनेवाले को दर्द कितना होता है ???
बहुत अच्छा पाया है इस जीवन हमने ,
क्या पता नहीं हम सब को !!!
मुक जानवर में भी प्यार कितना होता है ???
आओ चले , कर ले सब से पक्की दोस्ती ,
शायद, पता नहीं, हम में से किसी को !!!
प्यार - इश्क़ मौत बराबर , कब धोखा दे जाए इस जीवन में !!! !!!