चल मन कहीं थक के बैठे,
पर तेरा खयाल आया मुझे,
तु ना कभी थका और ना ही तु हारा,
चल रुह हम भी तो घुमने जाए,
पर रुह तो हर वो शख्स में बसी,,
जो ईश्वर का वरदान हो ।
निर्दोष और भोले दिल को पुछा,,
वो तो दोस्तो के पास दिल खोलकर है बैठा।
Rup. (काव्योतसव) 3/may/19)