ना डरे कभी वो फांसी से ना डरा सका काला पानी।
चूम के फंदा झूल गए जो कुछ तो रहे बाकी निशानी।
देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलकर शहादत देने वाले भारत माँ के लाल भगतसिंह ,राजगुरु ,सुखदेव कुछ अलग ही मिट्टी के बने थे
भारत माँ के ऐसे वीर सपूतो को शत शत नमन?
|| शुभ प्रभात || जय हिन्द ||