अभिनंदन का अभिनंदन है...
हर हृदयगार से वंदन है।
दुश्मन को धूल चटाने वाले..
वो माटी है ,तू चंदन है।
दुश्मनो की नजर लगी होगी..
अब किया 'उतारा' जाएगा।
जब याद करेगें वीरों को..
तेरा नाम पुकारा जाएगा।
रावणों पे विजय पाने वाले..
तू सही शब्दों में रघुनंदन है।
दुश्मन .......... चंदन है।
पूछी.. भारतीय रणनीति थी..
तुम पर क्या -क्या न बीती थी।
तुम पर्वत बनकर डटे रहे..
कर्तव्य- पथ पर सटे रहे।
ओ.. सिंह नाम पाने वाले..
तू सैनिक दल स्पन्दन है।
दुश्मन............. चंदन है।
मिग 21..से F16 ...
भला कैसे मार गिरा आए..
तुम जानते भी हो ? शूर मेरे
दुश्मन का भेजा फिरा आए ।
40 शहीदों को शांति देने वाले..
तुम्हारे मन में भी तो क्रंदन है।
दुश्मन ......... चंदन है।
सीमा शिवहरे "सुमन"