जैसे पलटते हैं किताबो के पन्नें..
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है...
तमन्ना जो पूरी हो ख्वाबो में..
हकीक़त बन जाए तो क्या बात है...
लोग मतलब के लिए ढूंढते हैं मुझे..
बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है...
कत्ल करके तो कोई भी ले जायेगा दिल मेरा..
कोई बातो से ले जाए तो क्या बात है...
जो शरीफों की शराफ़त में बात ना हो..
वो बात एक शराबी कह जाए तो क्या बात है...
ज़िंदा रहने तक तो ख़ुशी देंगे सबको..
किसी को मेरी मौत से ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात है....®️?