प्यार एक आजाद पंछी.......
प्यार मै लोग को कीसी को पानै का झुनुन चडता है.. किसी को अपना बनानैका... पर प्यार ऐक दुसरै की ख़ुशी भी ईतनी ही मायनै रखती है......
कभी कीसी को पाना प्यार न .प्यार कीसी की ख़ुशी कै लिए उसकै राह सै हट जाना वही प्यार है...
कीसी को तरह तरह की तालीम दैकै हम सामने वाले को प्यार करते है तो ईसै प्यार समजना हमारी मुँखामी है प्यार या शादी कोई इन्सान सुधार कैम्प न... की उसकी गलती औ कै पीछै हम पड जानै की जगह हम मानै की हमारी शादी या प्यार ही न तो आधी समस्याओ का समाधान मिल जाएगा.
ऐसा कीसनै बोला की की शादी या प्यार हैसीयत अेजयुकैशन, लायकात, पैसै, कुल, समय कै जानै कै बाद कुछ हाथ न लगता लगता है तो सिर्फ आंसू और गम...
शादी हमारै परिवार वालै नै कराई हो या वकील नै ईनसान को खयाल रखना है आपसी सोच मिलनी चाहिए और खाल रहै की शंका का कीडा न घुस जाऐ. वरना पुरी शादीशुदा यातो लवलाईफ को खोखला कर कै रख दैगा.
कीसी को पा लैना मोहबबत नही पर किसी की खुशी कै लिए उसकै रास्तै से हट जाना वही प्यार है...
इस दुनिया में कोई सयूंणँ न है समय कै रहतै हमारा वाला भलै जैसा भी कयु न हो वही ही काम आता है ..जो जैसा भी है एसा ही अपना ओ उसै बदलनै की कोशिश न करो वही परफैक्ट है हमारै लीऐ.
कीसी को जैसा भी है ऐसा अपना ना प्यार बौलतै कीसी को बदल कर अपनाना समझौता बोलतै है......
कह तै है की उपर वाला जोडिया बनाता है. नीचे वालै विघी विधान ही करते है तो ईस फैसलै मै घरवालै या पडोशी कयौं चमचागीरी करतै है.... और अपनी पसंद कयौं हम पै जबरदस्ती थोपतै है...
कीसी को संपुँण आजादी क्यों न मिलती हम आजाद भारत मै रह कर भी क्याैं पुराना खयालात रुपी जंजीर सै बनधै हुऐ है..... और मा बाप लडकी औ पर ही जबरदस्ती क्यों थोपतै है अपनी पसंद? ? शादी के बाद भी प्यार का दावा सब पर हक जता कै प्यार काे बदनाम न करो प्यार एक आजाद पंछी है उसै उडनै दो. विश्वास ही मजबूत दोर है जो शंका की चिंगारी लगतै ही तुट जाती है.....रिसतै शिसै की तरह होतै है तुटनै सै तो तुट जातै है पर जोडना बहुत ही मुश्किल हैं....
-- Shaimee Prajapati